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स्वदेशी गाय खरीदने पर यह सरकार दे रही 80 हजार रुपए की धनराशि

स्वदेशी गाय खरीदने पर यह सरकार दे रही 80 हजार रुपए की धनराशि

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने ‘नंद बाबा दुग्ध मिशन’ के तहत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना शुरू की है. 

इस योजना के तहत इनका उद्देश्य गौ पालकों की आय, रोजगार उपलब्ध कराना, स्वदेशी गायों की नस्लों को बढ़ाना, गौ पालको का स्वदेशी गायों के प्रति रुझान बढ़ाना एवं दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाना है। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गौवंशों के प्रति प्रेम साफ तौर पर देखने को मिलता है। योगी सरकार गोवंशों एवं उनकी सुरक्षा को लेकर नवीन योजनाएं जारी करती रहती हैं। 

साथ ही, पशुपालकों एवं किसानों के हित में योजनाएं एवं अभियान चलाए जाते रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी ने ‘नंद बाबा दुग्ध मिशन’ के अंतर्गत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना चालू की है। 

इस योजना का प्रमुख उद्देश्य यह है, कि यूपी के गौ पालकों की आमदनी बढ़ सके और पशुपालन में रोजगार मुहैय्या कराया जा सके। इसके अतिरिक्त दूसरे राज्यों से स्वदेशी नस्लों की गायों के प्रति गौ पालकों की रूचि बढ़ाई जा सके। साथ ही, दुग्ध उत्पादन में भी बढोत्तरी हो सके। 

साथ ही, योजना को लेकर शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में इस योजना से जुड़ी पात्रता, सब्सिडी के मानक, उद्देश्य एवं स्वरुप को स्पष्ट रुप से दिया गया है।

जानें कौन-सी गायों को खरीदने पर मिलेगा अनुदान

मुख्यमंत्री स्वदेशी योजना के मुताबिक, गौ पालकों को दूसरे राज्यों से थारपारकर, गिर, संकर और साहिवाल नस्ल की गाय खरीदने पर उन्हें ट्रांसर्पोटेशन, ट्रांजिट इंश्योरेंस एवं पशु इंश्योरेंस सहित अन्य सामानों पर खर्च होने वाली धनराशि पर अनुदान प्रदान करेगी। 

गौ पालकों को यह अनुदान दो स्वदेशी नस्ल की गायों को खरीदने पर मिलेगा। यह अनुदान गौ पालकों को कुल लागत धनराशि का 40 प्रतिशत मतलब कि 80 हजार रुपये दिया जाएगा। सबसे पहले यह योजना सिर्फ उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों के मुख्यालय के जनपदों में लागू की जाएगी। इसके उपरांत संपूर्ण राज्य के जनपदों में लागू की जाएगी। 

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‘नंद बाबा दुग्ध मिशन’ के तहत जारी की गई नवीन योजना

अपर मुख्य सचिव पशुपालन डॉ. रजनीश दुबे का कहना है कि, ‘नन्द बाबा मिशन के तहत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना जारी की गई है। इसका प्रमुख उद्देश्य सिर्फ राज्य में स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों की तादात और उनकी नस्ल को बढ़ाना। 

जिससे कि राज्य में दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हो सके। साथ ही, प्रदेश दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बन सके। इसके साथ ही राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं एवं महिलाओं को पशुपालन व्यवसाय के लिए बढ़ावा दे कर उन्हें रोजगार मुहैय्या करा सकें। 

दुग्ध आयुक्त एवं मिशन निदेशक शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना का फायदा उठाने के लिए गौ पालक को अन्य दूसरे राज्य से स्वदेशी उन्नत नस्ल की गाय को खरीदना होगा।

यह बीमा बेहद आवश्यक है

दरअसल, इस योजना पर मुख्य विकास अधिकारी शीघ्र ही एक अनुमति पत्र जारी करेंगे। जिसे लाभार्थी को दूसरे राज्य से स्वदेशी नस्ल की गाय खरीदने के लिए जारी किया जाऐगा। 

क्योंकि, गौ पालक या लाभार्थी को गायों के परिवहन में किसी भी प्रकार की परेशानी न खड़ी हो। इसके अतिरिक्त दो स्वदेशी गायों का 3 साल का पशु बीमा एकमुश्त कराना जरूरी है। साथ ही, दूसरे राज्य से अपने राज्य में गाय को लाने के लिए ट्रांजिट बीमा भी कराना अति आवश्यक है। 

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जानिए किन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी

मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को अनुदान गाय की खरीद, ट्रांसपोर्टेशन, ट्रांजिट इंश्योरेंस और पशु इंश्योरेंस, 3 साल का पशु बीमा, चारा काटने की मशीन की खरीद एवं गायों के रखरखाव की सुविधा व शेड के निर्माण पर दी जाएगी। 

विभाग की तरफ से इन समस्त सामानों में गौ पालक का खर्च दो स्वदेशी नस्ल की गायों के लिए 2 लाख रुपये निर्धारित किया गया है। इसका 40 प्रतिशत मतलब कि अधिकतम 80 हजार रुपये अनुदान के रूप में दिये जाएंगे।

गाय की इस नस्ल का पालन करने पर पशुपालकों को मिल सकती है सब्सीडी

गाय की इस नस्ल का पालन करने पर पशुपालकों को मिल सकती है सब्सीडी

खेती के सात साथ किसान पशुपालन करके भी अपनी आमदनी बढ़ा सकते है।  पशुपालन के अंदर ज्यादातर गाय और भैंस जैसे दुधारू पशुओं का पालन किया  जाता है। 

पशुपालक को गाय की उत्तम किस्म का चयन करना चाहिए ताकि अधिक दूध प्राप्त किया जा सके। गाय की ऐसी बहुत सी नस्ल है जिनसे अच्छा दूध प्राप्त किया जा सकता है। ऐसी ही गाय की नस्ल मे से एक नस्ल है साहीवाल। 

साहीवाल गाय को अधिक दूध देने वाली गाय माना जाता है यदि गाय का अच्छे से रखरखाव किया जाए तो प्रतिदिन गाय से 10 से 16 लीटर दूध प्राप्त किया जा सकता है। 

साहीवाल नस्ल की गाय का ज्यादातर पालन हरियाणा और राजस्थान मे किया जाता है। यदि आप भी दूध के अधिक उत्पादन के लिए डेयरी खोलना चाहते है तो उसके लिए साहीवाल गाय का ही चयन करें। 

बहुत से पशुपालक साहीवाल गाय का पालन करके अपनी इनकम बढ़ा रहे है। इसके अलावा सरकार  द्वारा देशी गाय के पालन के लिए सब्सीडी भी प्रदान की जा रही है। 

कैसे करें साहीवाल गाय की पहचान 

साहीवाल गाय की पहचान करना काफी सरल है, साहीवाल गाय की पहचान उसके शरीर की बनावट, सींघो और गाय की रंग से आसानी से की जा सकती है। 

  1. साहीवाल गाय की सींघ दिखने मे छोटे और मोटे होते है। 
  2. साहीवाल गाय की गर्दन की नीचे खाल की एक मोटी परत लटकी हुई होती है। 
  3. इस नस्ल की गाय के शरीर का आकर मध्यम और माथा आगे से चौड़ा होता है। 
  4. साहीवाल गाय का रंग गहरे भूरे और लाल रंग का होता है, इसके शरीर पर सफ़ेद रंग के चमकदार धब्बे भी होते है। 
  5. इस नस्ल की गाय के पीठ पर बने कूबड़ की ऊंचाई 120 सेंटीमीटर होती है। 
  6. साहीवाल नस्ल की इस गाय का वजन 300 से 400 किलोग्राम होता है। 

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साहीवाल गाय की विशेषताएं क्या है ?

साहीवाल गाय की बहुत सी ऐसी विशेषताएं है जो इसे अन्य गायों से अलग बनाती है , आइये बात करते है साहीवाल गाय की विशेषताओं के बारे मे। 

  1. साहीवाल गाय की इस नस्ल को अन्य गायों की तुलना मे अधिक दूध देने वाली गाय माना गया है। 
  2. साहीवाल गाय एक ब्यात पर 10 महीने तक दूध देती है , पुरे ब्यांत मे यह  2270 लीटर दूध देती है। 
  3. रोजाना की बात करें यह गाय प्रतिदिन 10 से 16 लीटर दूध देती है। 
  4. अन्य गायों की तुलना मे इस गाय के दूध मे प्रोटीन और वसा ज्यादा मात्रा मे पायी जाति है। 
  5. गर्म इलाकों मे भी यह गाय आसानी रह सकती है। 
  6. साहीवाल गाय के रखरखाव पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता है , इसे आसानी से कोई भी पशुपालक पाल सकता है। 
  7. इस नस्ल की गाय की प्रजनन अवधी मे 15 महीने का समय अंतराल होता है। 

साहीवाल गाय की कीमत 

किसी गाय की कीमत उसकी दूध देने की क्षमता, उम्र और नस्ल पर निर्भर करती है।  ऐसे मे साहीवाल गाय की कीमत 40000 से 60000 रुपए तक है। 

साहीवाल गाय की खरीद पर कितनी सब्सीडी मिल रही है ?

सरकार द्वारा किसानों को देसी गायों की खरीद के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा गाय पालन को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार द्वारा गौपालन प्रोत्साहन योजना 2023 -2024 चलाई जा रही है। 

इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को गौपालन के लिए डेरी लगाने के लिए 75% सब्सीडी प्रदान की जा रही है। इसके अलावा सामान्य वर्ग के लोगो को 40% सब्सिडी प्रदान की जा रही है। 

कहाँ से खरीदे साहीवाल गाय की उन्नत नस्ल 

साहीवाल गाय भारत के उत्तर दिशा मे सबसे ज्यादा पायी जाती है। इस नस्ल की गाय का उद्गम स्थल रावी नदी के आसपास और पाकिस्तान पंजाब के मोंटगोमरी जिला माना जाता है। 

साहीवाल गाय सबसे अधिक दूध देने वाली गाय मे से एक है , ज्यादातर यह नस्ल पंजाब के फिरोजपुर और अमृतसर जिलों मे पायी जाती है। राजस्थान के गंगानगर और फिरोजपुर जिले के फाजिलका और अबोहर कस्बे मे इस गाय की नस्ल को पाला जाता है।